Haryana Crop Diversification Scheme हरियाणा राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है जिसका उद्देश्य हरियाणा के किसानों को फसल विविधीकरण के माध्यम से अधिक आय उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत, किसानों को विभिन्न प्रकार की फसलें उगाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह योजना किसानों को मार्केट डिमांड के अनुसार फसलें चुनने और उगाने की संभावना प्रदान करती है, जिससे वे अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। इसके अलावा, योजना के अंतर्गत किसानों को प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता भी प्रदान की जाती है ताकि वे नवीनतम खेती तकनीकों का उपयोग कर सकें। हरियाणा फसल विविधीकरण योजना का मुख्य लक्ष्य हरियाणा के किसानों को आर्थिक रूप से स्थायी रोजगार के अवसर प्रदान करना है और उनकी आय में सुधार करना है।

हरियाणा सरकार ने अपने राज्य में फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने और किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए फसल विविधीकरण योजना को आरंभ किया था। हरियाणा फसल विविधीकरण योजना के अंतर्गत धान की खेती छोड़ने वाले किसानों को ₹7000 प्रति एकड़ का प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है तथा उन्हें अन्य विकल्पिक फसलों जैसे-मक्का की खेती करने पर ₹2400 प्रति एकड़ और दलहन (मूंग, उड़द, अरहर) की खेती करने पर ₹3600 प्रति एकड़ का अनुदान भी प्रदान किया जाता है। राज्य के एक किसान को 5 एकड़ तक ही यह प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। प्रदेश सरकार का सन् 2022 में लक्ष्य है कि इस योजना को 10 जिलों में 50 हजार एकड़ में लागू किया जाएगा।
Highlights of Haryana Crop Diversification Scheme 2023
योजना का नाम | Haryana Crop Diversification Scheme |
शुरू की गई | मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जी के द्वारा |
साल | 2023 |
लाभार्थी | राज्य के किसान |
उद्देश्य | भूजल स्तर को नियंत्रित करना एवं फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना |
योजना की श्रेणी | राज्य सरकारी योजना |
आवेदन प्रक्रिया | Online |
अधिकारिक वेबसाइट | https://agriharyana.gov.in/ |
Haryana Crop Diversification Scheme 2023
हरियाणा सरकार ने अपने राज्य में फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने और किसानों की आय में बढ़ोतरी करने के लिए “मेरा पानी मेरी विरासत” अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत धान की खेती छोड़कर कपास, मक्का, दलहन, जवार, अरंडी, मूंगफली, सब्जी और फल की विभिन्न फसलों की बुवाई करने पर ₹7000 प्रति एकड़ का प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। ये फसलें सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी भी जाती हैं। हरियाणा फसल विविधीकरण अभियान का उद्देश्य फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करना है क्योंकि एक किलो चावल उगाने के लिए औसतन 300 लीटर पानी की आवश्यकता होती है, जो बहुत अधिक मात्रा है। इसलिए किसानों को धान की खेती छोड़कर कम पानी और कम लागत वाली फसलों की बुवाई करने के लिए प्रोत्साहन राशि प्रदान करके उन्हें बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे किसानों को लाभ होता है और राज्य के भूजल स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है।
उद्देश्य
Haryana Crop Diversification Scheme को शुरू करने का प्रमुख उद्देश्य है हरियाणा में उभरती हुई जल संकट को दूर करना और किसानों को धान की खेती छोड़कर विभिन्न फसलों की खेती के प्रति प्रोत्साहित करना। क्योंकि धान उगाने के लिए अत्यधिक पानी की आवश्यकता होती है, जिसके कारण हरियाणा के कई जिलों में जल स्तर गिरता जा रहा है। इसी समस्या को देखते हुए मुख्यमंत्री जी ने हरियाणा फसल विविधीकरण अभियान को प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। इस अभियान के अंतर्गत धान की खेती छोड़कर अन्य वैकल्पिक फसलों की खेती पर प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। हरियाणा फसल विविधीकरण योजना के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि होती है और राज्य में मक्का, दलहन और तिलहन जैसी अन्य फसलों को बढ़ावा मिलता है। इससे राज्य इन फसलों के क्षेत्र में विकास करेगा।
लाभ एवं विशेषताएं
- हरियाणा में उनके मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जी ने अपने राज्य के अवनत जल स्तर को नियंत्रित करने के उद्देश्य से फसल विविधीकरण योजना को आरंभ किया है।
- इस योजना के अंतर्गत धान की जगह कपास, मक्का, दलहन, जवार, अरंडी, मूंगफली, सब्जी और फलों जैसी विभिन्न फसलें खेती करने पर प्रति एकड़ रुपये 7000 के हिसाब से प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
- मक्का की खेती करने पर प्रति एकड़ 2400 रुपये और दलहन की खेती करने पर प्रति एकड़ 3600 रुपये का अनुदान भी प्रदान किया जाता है।
- हालांकि, इस प्रोत्साहन और अनुदान राशि का लाभ सरकार द्वारा केवल 5 एकड़ तक ही दिया जाता है।
- हरियाणा सरकार का लक्ष्य है कि सन् 2022 तक इस योजना को 10 जिलों में 50 हजार एकड़ जमीन पर प्रभावी रूप से लागू किया जाए।
- Haryana Crop Diversification Scheme के द्वारा राज्य में विभिन्न प्रकार की फसलों की बुवाई की जाएगी। जिससे भूमि की पृथक्ता शक्ति में विकास होगा।
- यह योजना राज्य में जल समस्या के समाधान के साथ-साथ किसानों की आय में वृद्धि करने में भी प्रभावी साबित होगी।
- फसल विविधीकरण योजना 2023 के माध्यम से सरकार द्वारा किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद पर भी वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
पात्रता
- योग्यता: आवेदक किसान को हरियाणा राज्य के निवासी होना आवश्यक है।
- फसल विविधीकरण का शर्त: किसान को अपने पिछले वर्ष की खेती से कम से कम 50% हिस्से में विभिन्न फसलों की बुवाई करनी अनिवार्य है।
- आवेदक किसान का बैंक खाता होना चाहिए, जो आधार कार्ड से संपर्कित हो।
Haryana Meri Fasal Mera Byora Yojana 2023
जरुरी दस्तावेज
- पहचान पत्र
- आधार कार्ड
- मोबाइल नंबर
- निवास प्रमाण पत्र
- बैंक खाता विवरण
- कृषि भूमि के दस्तावेज
- पासपोर्ट के आकार की तस्वीर
ऑनलाइन आवेदन कैसे करें ?
- पहले ही चरण में, आवेदक को हरियाणा कृषि और किसान कल्याण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। उसके बाद, आपके सामने वेबसाइट की होमपेज दिखाई देगा।
- होमपेज पर, आपको फसल विविधीकरण के लिए पंजीकरण करने के लिए उपलब्ध विकल्प पर क्लिक करना होगा। इसके बाद, एक नया पृष्ठ खुलेगा जिस पर आपको पंजीकरण फॉर्म दिखाई देगा।
- अब आपको अपना आधार नंबर और अन्य विवरण भरने के लिए कहा जाता है, और आगामी खंड में, किसान को अपनी सभी जानकारी दर्ज करने के लिए कहा जाता है।
- इसके बाद, किसान को भूमि से संबंधित विवरण दर्ज करने का आवश्यकता है। इसके पश्चात, फसल के बारे में जानकारी दर्ज करनी होगी।
- आप सभी जानकारियाँ प्रविष्ट करने के उपरांत आवेदन पत्र को प्रस्तुत कर दीजिए। इस तरह, आपका Haryana Crop Diversification Scheme 2023 के तहत आवेदन पूर्ण हो जाएगा।