{हिंदी में} NIPUN Bharat Mission | निपुण भारत लक्ष्य क्या है ? उद्देश्य

NIPUN Bharat Mission 2023 एक ऐसी योजना है जिसे भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया है और इसका उद्देश्य शिक्षा क्षेत्र में विकास करना है। इस मिशन के तहत, सभी तीसरी कक्षा के छात्रों को आधारभूत साक्षरता और गणितीय ज्ञान प्राप्त कराना लक्षित है। निपुण भारत मिशन के माध्यम से भविष्य में छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने में कोई कठिनाई नहीं होगी। यदि आप निपुण भारत मिशन के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप हमारे इस लेख को पढ़ सकते हैं। इसमें निपुण भारत मिशन से जुड़ी अधिक विवरण दिए गए हैं।

Nipun Bharat Mission 2023

निपुण भारत अभियान को शिक्षा मंत्रालय द्वारा 5 जुलाई को आरंभ किया गया है। इस अभियान का पूरा नाम राष्ट्रीय प्रदर्शन में उत्कृष्टता के लिए पठन और समझ क्षमता एवं अंकगणिता है। निपुण भारत मिशन के माध्यम से प्रभावी परिवेश का निर्माण किया जाएगा। जिसके द्वारा आधारभूत साक्षरता और गणितीय क्षमता को छात्रों को प्रदान किया जा सकेगा। निपुण योजना के माध्यम से सन 2026-27 तक प्रत्येक बच्चे को तीसरी कक्षा के अंत तक पढ़ने, लेखने और गणित को सीखने की क्षमता प्रदान की जाएगी।

योजना का नामNIPUN Bharat Mission
योजना का प्रकारकेंद्र सरकार योजना
आरम्भ की तिथि5 जुलाई
आधिकारिक वेबसाइटhttps://www.education.gov.in/en
निपुण भारत गाइडलाइन्सयह क्लिक करे

इस योजना का कार्यान्वयन विद्यालय शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा किया जाएगा। यह NIPUN Bharat Abhiyan विद्यालयी शिक्षा कार्यक्रम समग्र शिक्षा का एक हिस्सा होगी। इस अभियान के कार्यान्वयन के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 5 स्तरीय प्रणाली स्थापित की जाएगी। यह 5 स्तरीय प्रणाली राष्ट्रीय-राज्य-जिला-खंड-विद्यालय स्तर पर संचालित की जाएगी। इस अभियान का आरंभ राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफल कार्यान्वयन के लिए किया गया है।

उद्देश्य

निपुण भारत मिशन का उद्देश्य है कि कक्षा 3 के छात्रों को मूलभूत साक्षरता और गणित की सही ज्ञान प्राप्त कराना। इससे छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। और निपुण भारत मिशन के माध्यम से देश के सभी छात्रों को तीसरी कक्षा तक पढ़ने, लिखने और गणित सीखने की क्षमता विकसित होगी। इससे सभी छात्रों को आगे के पाठ्यक्रमों में सुगमता मिलेगी। इस योजना को साक्षरता विभाग द्वारा प्रचालित किया गया है। और बच्चों के सम्पूर्ण मानसिक विकास के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है।

बुनियादी साक्षरता और गणितीय क्षमता क्या होती है ?

मूलभूत साक्षरता और अंकगणितता एक महत्वपूर्ण कौशल और योजना है, जिससे छात्र सीखने, लिखने, बोलने और व्याख्या करने के क्षमता प्राप्त करते हैं। मूलभूत साक्षरता शिक्षा प्राप्त करने का आधार बनती है और उन सभी बच्चों को जो कक्षा तक आवश्यक साक्षरता और अंकगणित कौशल प्राप्त करते हैं, आने वाली कक्षाओं के पाठ्यक्रम को पढ़ने में आसानी होती है। इस विचार को मध्य रखते हुए शिक्षा मंत्रालय ने निपुण भारत मिशन की शुरुआत की है। NIPUN Bharat Mission के माध्यम से मूलभूत साक्षरता और अंकगणित को तीसरी कक्षा के छात्रों में विकासित किया जाएगा। जिससे आने वाले समय में उन्हें शिक्षा प्राप्त करने में किसी भी प्रकार की कठिनाई ना हो। इसके अतिरिक्त, निपुण योजना के अंतर्गत निम्नलिखित क्षेत्रों पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।

  • विद्यालय शिक्षा
  • शिक्षक क्षमता निर्माण
  • शिक्षा के प्रति बच्चों की प्रगति की निगरानी करना
  • उच्च गुणवत्ता और विविध छात्र और शिक्षक संसाधनों/अध्ययन सामग्री आदि का विकास।

कुशल भारत साक्षरता और अंक ज्ञान में सुधार

  • विद्यालय मॉडल – छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए विद्यालय जाना आवश्यक होता है। क्योंकि विद्यालय में जाकर ही छात्रों को पढ़ाई, लिखाई, पर्यावरण संरक्षण और वैज्ञानिक भूगोल की ज्ञान प्राप्त होती है। और राष्ट्रीय शिक्षा नीति द्वारा तैयार किए गए 3 महीने के विद्यालय मॉडल के अंतर्गत छात्रों को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • सीखने का मूल्यांकन – शिक्षा के माध्यम से छात्रों को नयी बातें सीखने का अवसर मिलता है। और छात्रों की शिक्षा क्षमता का विभिन्न तरीकों से मूल्यांकन किया जाएगा। छात्रों की रुचि के आधार पर शिक्षा को बढ़ावा देने में प्रोत्साहित किया जाएगा। छात्रों की क्षमता का मूल्यांकन कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
  • शिक्षकों द्वारा छात्रों की शिक्षा को प्रोत्साहित करना – कुछ स्कूलों में छात्रों के प्रति उचित ध्यान नहीं दिया जाता है। जबकि शिक्षकों को छात्रों की उच्चतम स्तर पर ध्यान देना आवश्यक है। क्योंकि बच्चों का मस्तिष्क उस आयु में अधिक प्रबल होता है। और इस आयु में अधिक सीख सकते हैं।

NIPUN Bharat Mission हितधारकों की लिस्ट:

  • प्राइवेट स्कूल
  • कम्युनिटी एवं पैरंट
  • एजुकेशन ऑफिसर
  • सेंट्रल स्कूल ऑर्गेनाइजेशन
  • रिसर्च एंड ट्रेनिंग मुख्य शिक्षक
  • सिविल सोसाइटी ऑर्गेनाइजेशन
  • नेशनल काउंसलिंग ऑफ एजुकेशनल
  • डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर एवं ब्लॉक
  • सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE)
  • ब्लॉक रिसर्च सेंटर एवं क्लेस्टर रिसोर्सेज सेंटर
  • डिस्ट्रिक्ट इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग
  • राज्य और केंद्र शासित प्रदेश (States & UTS)
  • स्टेट काउंसलिंग ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग
  • गैर सरकारी संगठन (Non Government Organization)

कुशल भारत योजना का राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य:

  • बहुत सारी शिक्षा पर ध्यान देना
  • शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान देना
  • बच्चों के सीखने के परिमाण पर ध्यान देना
  • सीखने के आयामों की उपलब्धि को मापने के लिए।

योजना के तहत बुनियादी भाषा और साक्षरता की समझ:

शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों को शिक्षित करना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे बच्चे अपने जीवन में सफल हो सकते हैं और अधिक समझदार बन सकते हैं। एक सर्वे के अनुसार, बच्चे पांचवी कक्षा तक की शिक्षा प्राप्त करते हुए भी शिक्षा के मूल तत्वों को समझने में असमर्थ हो जाते हैं। इसलिए, निपुण भारत योजना के तहत बच्चों को मूलभूत भाषा और साक्षरता की समझ बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इससे बच्चों को आने वाले जीवन में बेहतर समझदार बनने में मदद मिलेगी। यह योजना शिक्षा के स्तर में सुधार लाने में भी मददगार साबित होगी।

निगरानी और सूचना प्रौद्योगिकी ढांचा

सन् 2026-27 तक NIPUN Bharat के लक्ष्य  प्राप्त करने हेतु राज्य स्तर पर अलग-अलग लक्ष्यों का निर्धारण किया जाएगा। इन सभी लक्ष्यों की प्रगति का निरीक्षण नोडल विभाग द्वारा किया जाएगा। इसके अतिरिक्त इस योजना के कार्यान्वयन के लिए शिक्षा क्षेत्र में राज्य को वित्तीय और तकनीकी सहायता भी प्रदान की जाएगी। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी। इससे सन् 2026-27 तक मूलभूत साक्षरता और संख्यामिति के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकेगा। राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर आईटी आधारित संसाधनों के माध्यम से इस योजना की क्रियाएं निगरानी की जाएगी। इसमें क्षेत्र स्तर पर बच्चों की निगरानी भी शामिल होगी। इसके अतिरिक्त इस योजना के तहत प्रस्तावित निगरानी ढांचे को दो प्रकार में विभाजित किया गया है। जिसमें वार्षिक निगरानी सर्वेक्षण और समवर्ती निगरानी शामिल है।

परिवार और समुदाय को जोड़ने के विभिन्न तरीके

  • विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करना।
  • अभिभावक शिक्षक बैठक।
  • समुदाय में नियमित गतिविधियां भी की जा सकती हैं।
  • पालन-पोषण पर कार्यशाला।
  • स्कूल की गतिविधियों और बच्चे की प्रगति के बारे में माता-पिता को लगातार अपडेट भेजना।
  • होमवर्क (असाइनमेंट) देना।
  • माता-पिता को ईमेल व्हाट्सएप आदि के माध्यम से बच्चों की प्रगति की जानकारी प्रदान करना।

अनुसंधान, मूल्यांकन और प्रलेखन की आवश्यकता:

अनुसंधान, मूल्यांकन और दस्तावेजीकरण योजना के कार्यान्वयन में मुख्य भूमिका निभाता है। अनुसंधान के माध्यम से यह पता चलता है कि शिक्षा को सुधारने के लिए किन प्रकार के प्रयास करने होंगे। मूल्यांकन के माध्यम से यह पता चलता है कि इस योजना के कार्यान्वयन के लिए उठाए गए कदम कितने सफल हैं और दस्तावेजीकरण से सभी प्रमाणों का अभिलेख रहता है। अनुसंधान, मूल्यांकन और दस्तावेजीकरण NIPUN Bharat का अभिन्न अंग है। अनुसंधान और मूल्यांकन राष्ट्रीय, राज्य, जिला, ब्लॉक और स्कूल स्तर पर किया जा सकता है जिसके लिए विभिन्न प्रकार की तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है, जैसे कि एक्टिव रिसर्च, प्रोसेस विमर्श, प्रभाव मूल्यांकन आदि।

NIPUN Bharat Mission लर्निंग असेसमेंट

मूल्यांकन द्वारा बच्चों से संबंधित सभी संभावित ढांचों से जानकारी एकत्रित की जाती है। जैसे कि बच्चों की ज्ञान कौशल, दृष्टिकोण, योग्यता और आत्मविश्वास। इस जानकारी को बच्चों की शिक्षा में वृद्धि के लिए उपयोग किया जाता है। मूल्यांकन द्वारा शिक्षकों को भी बच्चों की प्रवृत्ति को समझने में सहायता प्राप्त होती हैं। शिक्षकों को यह जानने में मदद मिलती है कि वे कैसे बच्चों की शिक्षा कौशल का विकास कर सकते हैं। इसके साथ ही यह भी पता चलता है कि बच्चे किस विषय में उत्कृष्ट हैं और उनके कौशल से भी संबंधित जानकारी अधिगम स्थानांतरण के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है।

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