Women’s Reservation Bill
दोस्तों आज हम आपको अपनी इस पोस्ट के माध्यम से बतायगे कि Women’s Reservation Bill In Hindi। महिला आरक्षण बिल क्या है ? उसके लिए आपको इस पोस्ट को ध्यान से अंत तक पढ़ना होगा। लोकसभा में पिछले कुछ दिनों पहले महिला आरक्षण बिल पास करवाने की तैयारी चल रही थी।
जिसको बुधवार में पास कर दिया गया है। इसके बाद सरकार द्वारा इस बिल का नाम नारी शक्ति वंदन अधिनियम रखा गया। इसका फायदा 45 छत्तीसगढ़ के उपभोगकर्ताओं को दिया जाएगा। तथा इस महिला आरक्षण के लिए वोट भी डाले गए। जिसमें आरक्षण बिल के पक्ष में 454 डाले। और विपक्ष में 2 वोट डाले गए। तो चलिए आरक्षण बिल के बारे में कुछ सवाल जवाब जानते हैं।

आरक्षण बिल से क्या फायदा होगा
आरक्षण बिल से लोकसभा एवं राज्य की विधानसभा में एक तिहाई सीट महिला के लिए आरक्षित की जाएगी। जिससे देश में प्रतिनिधित्व सुरक्षित किया जाएगा। और राजनीति में महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ेगी।
आरक्षण बिल को कब से लागू किया जाएगा?
Women’s Reservation Bill In Hindi आरक्षण बिल को अभी लागू नहीं किया गया है। क्योंकि इसके लिए अभी परिसीमन जरूरी है। और 2026 तक परिसीमन पर प्रतिबंध है। तथा परिसीमन के लिए जनगणना भी करनी पड़ेगी। इसके बाद अगले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में महिला आरक्षण को लागू किया जाएगा। जिसके लिए आपको अभी इंतजार करना होगा।
परंतु हम आपको यह भी बता दें कि पर इस बिल में थोड़ी रुकावट आ रही हैं। क्योंकि उत्तर भारतीय और दक्षिण भारतीय राज्यों में परिसीमन को लेकर विवाद हो रहा है। जिसका कारण परिसीमन के बाद उत्तर भारतीय राज्यों की आबादी तेजी से बड़ी है। जबकि दक्षिण भारत में यह आबादी स्थिर है।
आरक्षित बिल में महिलाओं के लिए 33% सीट
Women’s Reservation Bill In Hindi आरक्षित बिल में महिलाओं के लिए लोकसभा में 33% सीट आरक्षित की गई है। जिसको 128वे संविधान संशोधन विधायक के तहत पेश किया गया था। जिससे महिला सशक्तिकरण को मजबूत किया जाएगा।
किन केंद्र शासित प्रदेशों में आरक्षण मिलेगा?
महिलाओं के लिए दिल्ली और पुडुचेरी में कुल सीटों में से एक तिहाई आरक्षित किया जाएगा। क्योंकि केंद्र शासित प्रदेशों में केवल दिल्ली और पुडुचेरी में विधानसभा है।
आरक्षण बिल में SC ST की स्थिति क्या है?
आरक्षित बिल में SC ST कोट के लिए जो सिम आरक्षित हैं। उनमें से एक तिहाई SC ST महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएगी। परंतु ओबीसी महिलाओं के लिए अलग से कोटा का प्रावधान नहीं किया गया है।
महिला आरक्षण बिल 27 सालों से अटका हुआ है?
महिला आरक्षण बिल पिछले 27 सालों से अटका हुआ है। जिसको 12 दिसंबर 1996 में पहली बार एचडी देवेगौड़ा की सरकार ने पेश किया था। परंतु उस वक्त यह बिल पास नहीं किया गया था। इसके बाद साल 2010 में इस बिल को यूपीए सरकार राज्यसभा के द्वारा पास भी हो गया था। परंतु लोकसभा ने इसे पेश नहीं किया था।
इसके बाद अब इस बिल को संसद में फिर से लाया गया है। और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बिल को पास करने का अनुरोध किया है।